हर रोज के खाने का खर्चा पांच से छह हजार रुपये आता है जो कि सभी कर्मचारी मिलकर वहन करते हैं, खाना पकाने का जिम्मा भी कर्मचारी निभा रहे
घर वापस जा रहे लाखों मजदूरों को खाना खिलाने की एक से बढ़कर एक मिसाल आम नागरिकों ने पेश की हैं. ऐसी ही एक नज़ीर उत्तर प्रदेश के अयोध्या नगर निगम की है. लॉकडाउन के दौरान सरकारी बजट की आस न रखकर खुद नगर निगम के कर्मचारियों और अधिकारियों ने सामुदायिक रसोई बनाई. वे अपनी जेब से चंदा देकर घर वापस लौट रहे दो से तीन हजार मजदूरों को रोज खाना बांट रहे हैं.
अयोध्या नगर निगम के कमिश्नर आनंद शुक्ला बताते हैं कि ”रोज अपनी क्षमता के मुताबिक हम लोग चंदा इकट्ठा करते हैं, फिर खाना बंटवाते हैं. हर रोज के खाने का खर्च पांच से छह हजार रुपये आता है. यह कर्मचारियों के आपसी चंदे से जुटता है.”
यही नहीं अयोध्या में घूमने वाले जानवरों को भी चारा मिलता रहे इसके लिए भी निगम के कर्मचारियों ने कोशिश की है. नगर निगम के कम्युनिटी किचन में खाना बनाने वाले भी निगम के कर्मचारी हैं जो पूरी सतर्कता और एहतियात बरतते हुए साफ सुधरा खाना पकाते हैं.
कमिश्नर आनंद शुक्ला बताते हैं कि ”फैजाबाद-गोरखपुर राष्ट्रीय राजमार्ग पर बड़ी तादाद में मजदूरों को आता देखकर हम लोगों ने सामुदायिक रसोई की व्यवस्था की.”