Saturday, July 27, 2024

उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने नए विशेष सुरक्षा बल का गठन किया है. इस बल की शक्तियां केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल  के समान ही होगी. इस फोर्स के पास बिना वारंट के तलाशी लेने और किसी को भी गिरफ्तार का अधिकार होगा. राज्य सरकार ने रविवार को यह जानकरी दी. उत्तर प्रदेश स्पेशल सिक्योरिटी फोर्स उत्तर प्रदेश में उच्च न्यायालय, जिला न्यायालयों, प्रशासनिक कार्यालय एवं परिसर व तीर्थस्थल, मेट्रो रेल, हवाई अड्डा, बैंक अन्य वित्तीय, शैक्षिक संस्थान, औद्योगिक संस्थान आदि की सुरक्षा व्यवस्था करेगी.

यूपी सरकार के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से कई ट्वीट करके यह जानकारी दी गई. एडिशनल चीफ सेक्रेटरी अवनीश अवस्थी ने कहा कि इस प्रकार 05 बटालियन के गठन पर कुल व्यय भार 1747.06 करोड़ अनुमानित है जिसमें वेतन भत्ते व अन्य व्यवस्थाएं भी सम्मिलित हैं. उन्होंने बताया कि इनके प्रथम चरण में पीएसी का सहयोग लेकर कुछ इन्फ्रास्ट्रक्चर शेयर करके इसको आगे ले जाया जाएगा। इस बल के सदस्य को विशेष पॉवर नियमावली के तहत दी जाएगी.

अवस्थी ने कहा, “महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों की सुरक्षा हेतु वर्तमान में 9,919 कर्मी कार्यरत रहेंगे. विशेष सुरक्षा बल के रूप में प्रथम चरण में 5 बटालियन का गठन किया जाना प्रस्तावित है. इन बटालियनों के गठन हेतु कुल 1,913 नये पदों का सृजन किया जाएगा.” उन्होंने बताया कि यह बल  मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ  का ड्रीम प्रोजेक्ट होगा.

ट्वीट में एडिशनल चीफ सेक्रेटरी के हवाले से बताया गया है कि बल का कोई सदस्य किसी मजिस्ट्रेट के किसी आदेश के बिना तथा किसी वारण्ट के बिना किसी व्यक्ति को गिरफ्तार कर सकता है. वारण्ट के बिना तलाशी लेने की शक्ति भी इस फोर्स के पास होगी.

सरकार के हालिया कदम को लेकर कई लोगों ने सवाल उठाए हैं. कई आलोचकों का कहना है कि तलाशी लेने और गिरफ्तार करने के अधिकार का दुरुपयोग किया जा सकता है.

सरकार की ओर से इन आलोचनाओं पर फिलहाल कोई औपचारिक जवाब नहीं दिया गया है. हालांकि, सूत्रों ने रेखांकित किया है कि उत्तर प्रदेश स्पेशल सिक्योरिटी फोर्स के पास सीआईएसएफ जैसी ही शक्तियां होंगी. केंद्रीय बल सीआईएसएफ महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों की सुरक्षा करता है.

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